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Sad Shayari Barsat Par

Top Sad Shayari Barsat ke Mausam par.
हर किसी को बरसात का
सुहाना मौसम भी
अच्छा नहीं लगता साहब
ये बरसात किसी के आंसू
छुपाने के भी काम आती है

बारिश की बुंदे भी
क्या वफ़ा निभाती है
दूर आसमा से निकल कर
जमी में मिल जाती है

बादलों को कह दो थोड़ा
धीरे बरसे
अगर उनकी याद आ गई
तो फिर
सोच लेना हमसे मुकबला
एक तरफ़ा होगा

मुझे मलूम है तुम्हें
बरसात देखनी है
मगर इन आँखों से सावन
भी हार जाता है

मैने अपने सारे दुख
आसमा को बताए
अब मैं चुप हु मगर वो
रो रहा है बड़े ज़ोरसे

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