सांस लेने से तेरी याद आती है, सांस नहीं लेता तो जान भी जाती है, कह दू कैसे की इस सांस से जिंदा हूं मै, ये सांस भी तो तेरी याद के बाद ही आती है
उन्हें चाहना मेरी कमज़ोरी हैं उनसे कह नहीं पाना मेरी मज़बूरी हैं वो क्यों नहीं समझते मेरी खामोशी क्या प्यार का इज़हार करना जरुरी हैं
ये तो सच है ये ज़िन्दगानी उसी को रुलाती है, जिसके आँसू पोछने बाला कोई नही होता है
गुजरता वक़्त हमें एहसास दिला देता है, जिसे चाहते हैं हम वो ही दिल दुखा देता है, वक़्त मरहम लगा देता है जिन जख्मो पर, कोई अपना उस दर्द को फिर से जागा देता है
खुदा करे कोई इश्क़ का शिकार ना हो जुदा अपने प्यार से कोई प्यार ना हो मैं उसके बिना ज़िंदगी गुज़ार दूँ बेशर्ते उसको किसी से प्यार ना हो।
तेरी यादों को पसन्द आ गई मेरे आँखों की नमी, अब हँसता हूँ तो रुला देती है तेरी कमी।
माँगा था थोड़ा सा उजाला जिंदगी में, पर चाहने वालो ने तो आग ही लगा दी
ज़ख्म तो आज भी ताज़ा है बस वो निशान चला गया, इश्क तो आज भी बेपनाह है बस वो इंसान चला गया